Monday 22 September 2014

03:54

किसी भी परिस्तिथि में निम्नलिखित बातोँ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है / IMPORTANT POINTS TO REMEMBER :à

a) COMPLETE KNOWLEDGE OF PRODUCT & SERVICE -- निर्यात कि जाने वाली वस्तु / सेवा कि पुरी तकनीकी जानकारी आपको होनी चाहिये. क्यूंकि कोई भी खरीददार ऐसे लोगों के साथ व्यापार नहीं करना चाहेगा जिसे अपने PRODCUT (बिकाऊ माल) के बारे में जरुरी जानकारी ना हो.

b) GOVERNMENT RESTRICTION / SUPPORT -- सरकारी प्रतिबन्ध / सहायता

c) CUSTOM RULES & REGULATIONS -- सीमाशुल्क के नियम / कानून

d) DISTRIBUTION SYSTEM -- वितरण प्रणाली

e) SHIPPING CHARGES AND IT’s SCHEDULE – वस्तु को निर्यात के लिए भाडा कितना लगेगा, हवाई जहाज / पानी जहाज को गंतव्य देश में पहुँचने में कितना वक्त लगेगा.

f) EXPORT PRICE -- निर्यात मूल्य का स्वरुप कैसा होगा?

  F.O.B. – लागत मूल्य -- ऐसी परिस्थिथि में निर्यातक माल को बंदरगाह / हवाई अड्डा तक लाकर छोड़ देता है और इसकी सूचना अपने विदेशी ग्राहक को दे देता है. इसके बाद आयात करनेवाला उसे अपने गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए भाडा एवं बिमा का खर्च वहन करता है. मतलब ये हुआ कि इसमें निर्यातक को माल कि किमत हि मिलती है.

C. & F. – लागत एवं भाडा – ऐसे परिस्थिति में निर्यातक कि जिम्मेदारी माल को अनुबंध के अनुसार निर्धारित स्थान तक पहुँचाने के बाद हि ख़त्म होती है. जैसे माल को पानी जहाज या हवाई जहाज पर गंतव्य स्थान तक का भाडा दे कर चढ़ा दिया जाता है और इसकी सुचना ग्राहक को दे दिया जाता है ताकि वो अवश्यक बिमा का प्रबंध कर सके.

C.I.F. – लागत एवं भाडा एवं बीमा – ऐसी परिस्तिथि में माल जब तक ग्राहक के गोदाम सुरक्षित नहीं पहुँच जाता तब तक निर्यातक कि जिम्मेदारी ख़तम नहीं होती है. इसमें निर्यातक तो माल कि किमत + बीमा + भाडा भी प्राप्त होता है.

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