Monday 25 August 2014

02:49

 

 

क)     SELECTION OF CORRECT MARKET AND CUSTOMER (सही बाज़ार एवं ग्राहक का चुनाव) à अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करते वक्त सही बाज़ार एवं ग्राहक का चुनाव करना बहुत जरुरी है. यहाँ पर गलती का मतलब है आर्थिक नुकसान एवं कानूनी अड़चन.

 

जैसे कई वस्तु / सेवा कि मांग मौसम या फिर वर्ष के किसी खास महीने के अनुसार घटता और बढता रहता है. इसे ध्यान में रखकर व्यापार करना चाहिए. उसी प्रकार आयात / निर्यात से सम्बन्धित देश / ग्राहक कि आर्थिक / राजनीतिक परस्थिति वगैरह कि पूरी तरह जाँच कर लेनी चाहिए ताकि बाद में परेशानी न हो.  

 

ख)    SIZE OF MARKET AND IT’s DATA / INFORMATION – बाज़ार का आकार और

उससे सम्बंदित आंकड़े à एक बार जब निश्चित हो जाए कि कौन सी वस्तु या सेवा निर्यात करना है तो उसके लिए सही बाज़ार ( जिस देश में निर्यात करना है) का आकार, वहां कि राजनितिक एवं भौगोलिक परिस्तिथि / विशेस्ताएँ, वहां के स्थानीय नियम / कानून आदि कि जानकारी जुटानी चाहिए. ऐसी जानकारी हमें निम्नलिखित स्रोतों से प्राप्त हो सकता है:à

 

a)   MINISTRYOF TRADE & COMMERCE / FINANCE – व्यापार एवं वित् मंत्रालय

 

b)   EXPORT PROMOTION COUNCILS ( विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषद्)

 

c)   INDIA’s COMMERCIAL REPRESENTATIVES IN FOREIGN COUNTRIES

   विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में भारतीय व्यापारियों कि मदद के लिए अलग से विभाग होते हैं जहाँ से उस देश से सम्बन्धित बाज़ार, उसके आकार / प्रकार, उसकी वार्षिक खपत, वहां के कानून आदि कि जानकारियां प्राप्त कि जा सकती हैं.

FEDERATION OF INDIAN EXPORTERS ORGANISATION – भारतीय निर्यात संगठन परिषद एवं VARIOUS CHAMBER OF COMMERCE à भारतीय निर्यात संगठन परिषद एवं अन्य कई व्यापारिक संगठन समय समय पर अपने पत्रिकाओं, सेमिनार द्वारा SURVEY REPORT (सर्वेक्षण आंकड़े) वगैरह प्रकाशित करते हैं.

इसके अलावा इन संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मेले / सेमिनार वगैरह का आयोजन और उसमे भाग लेने के लिए उत्सुक व्यापारिओं कि कई तरह से मदद कि जाती है.

 

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